Income Tax on FD: बैंक FD निवेशकों के लिए बड़ी खबर! अब देना होगा इतना टैक्स

Income Tax on FD: आजकल अगर आप किसी से निवेश के बारे में पूछेंगे, तो वह आपको फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में पैसा लगाने की सलाह जरूर देगा। फिक्स्ड डिपॉजिट को सुरक्षित निवेश का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर भी आपको इनकम टैक्स देना पड़ता है?

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि एफडी पर टैक्स से कैसे बच सकते हैं या सरकार इस पर कोई छूट दे सकती है या नहीं, तो यह लेख आपके लिए बहुत जरूरी है।

Income Tax on FD | बजट 2025 में हो सकती है बड़ी घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को संसद में देश का नया बजट पेश करेंगी। इस बजट में फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स को लेकर भी कुछ अहम घोषणाएं हो सकती हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स छूट देने पर विचार कर सकती है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने सरकार को एक सिफारिश भेजी है, जिसमें कहा गया है कि एफडी पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए। बैंक का तर्क है कि इससे लोगों को बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इस वजह से उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस पर ध्यान देगी और फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स में राहत दे सकती है।

अभी कितना टैक्स देना पड़ता है?

अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं, तो उस पर मिलने वाले ब्याज को आपकी कुल इनकम में जोड़ा जाता है। फिर आपकी कुल इनकम के आधार पर टैक्स की गणना की जाती है।

अभी भारत में इनकम टैक्स की दर 5% से 30% तक है। इसका मतलब यह है कि अगर आपकी सालाना इनकम ज्यादा है, तो आपको एफडी के ब्याज पर ज्यादा टैक्स देना होगा।

  • अगर आपकी सालाना आय ₹2.5 लाख से कम है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
  • अगर आपकी सालाना आय ₹2.5 लाख से ₹5 लाख के बीच है, तो आपको 5% टैक्स देना होगा।
  • अगर आपकी आय ₹5 लाख से ₹10 लाख के बीच है, तो आपको 20% टैक्स देना होगा।
  • अगर आपकी सालाना आय ₹10 लाख से ज्यादा है, तो आपको 30% टैक्स देना होगा।

इसके अलावा, अगर आपकी फिक्स्ड डिपॉजिट से सालाना ब्याज ₹40,000 से ज्यादा होता है, तो बैंक 10% टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काट लेता है।

नया नियम क्या हो सकता है?

ऐसा माना जा रहा है कि 2025 के बजट में सरकार एफडी पर टैक्स को लेकर कुछ बदलाव कर सकती है।

15% टैक्स का प्रस्ताव

  • ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार एफडी पर टैक्स की दर को घटाकर 15% कर सकती है।
  • इससे उन लोगों को राहत मिलेगी, जो ज्यादा टैक्स स्लैब में आते हैं।
  • अगर ऐसा होता है, तो 30% टैक्स देने वालों को 15% की बचत होगी।

ब्याज पर टैक्स छूट

  • अभी ₹40,000 से ज्यादा ब्याज पर टीडीएस कटता है, लेकिन नए नियम में यह सीमा बढ़ सकती है।
  • वरिष्ठ नागरिकों (60 साल से ज्यादा उम्र वालों) के लिए यह सीमा ₹50,000 है, जिसे और बढ़ाया जा सकता है।

टैक्स बचाने के तरीके

अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स से बचना चाहते हैं, तो इसके कुछ तरीके हैं:

फॉर्म 15G और 15H भरें

  • अगर आपकी कुल आय टैक्स के दायरे में नहीं आती, तो आप फॉर्म 15G (नॉन-सीनियर सिटीजन) या फॉर्म 15H (सीनियर सिटीजन) भरकर बैंक को दे सकते हैं। इससे आपका टीडीएस नहीं कटेगा।

5 साल की टैक्स सेविंग एफडी में निवेश करें

  • कुछ खास फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स पर टैक्स छूट मिलती है।
  • अगर आप 5 साल की टैक्स सेविंग एफडी में पैसा लगाते हैं, तो आपको इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिल सकती है।

अपने निवेश को अलग-अलग खातों में बांटें

  • अगर आप टीडीएस से बचना चाहते हैं, तो एफडी को अलग-अलग बैंकों में या अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर कर सकते हैं।

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (TD) चुनें

  • पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम में निवेश करने पर भी कुछ हद तक टैक्स छूट मिलती है।
  • 5 साल की अवधि वाले पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में निवेश करने पर 80C के तहत छूट मिल सकती है।

निष्कर्ष

फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, लेकिन इस पर मिलने वाले ब्याज पर इनकम टैक्स देना पड़ता है। फिलहाल, एफडी पर 5% से 30% तक टैक्स लगता है, और ₹40,000 से ज्यादा ब्याज पर 10% टीडीएस भी कटता है। लेकिन 2025 के बजट में सरकार एफडी पर टैक्स को लेकर कुछ नए बदलाव कर सकती है।

अगर सरकार 15% की नई टैक्स दर लागू करती है, तो यह निवेशकों के लिए बड़ी राहत होगी। इसके अलावा, अगर ब्याज पर टीडीएस की सीमा बढ़ाई जाती है, तो छोटे निवेशकों को फायदा मिलेगा।

अगर आप टैक्स से बचना चाहते हैं, तो फॉर्म 15G/15H भरें, टैक्स सेविंग एफडी में निवेश करें, या अपने निवेश को अलग-अलग खातों में बांटें। आने वाले बजट में सरकार क्या बदलाव करती है, इस पर नजर रखना जरूरी होगा। 

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