Khatu Shyam ke Chamatkar Ki Kahaniyan: भारत एक ऐसा देश है जहां मंदिरों को लेकर बहुत गहरी आस्था और मान्यताएं हैं। यहां लाखों-करोड़ों मंदिर हैं और हर मंदिर का अपना एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे खाटू श्याम मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू नगर में स्थित है। यहां हर दिन हज़ारों भक्त बाबा श्याम के दर्शन के लिए आते हैं।
भक्तों का मानना है कि बाबा श्याम उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं और उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं। इसी वजह से उन्हें “लखदातार” भी कहा जाता है। मान्यता है कि खाटू श्याम भगवान श्रीकृष्ण के कलयुग के अवतार हैं, जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण ने कलयुग में पूजे जाने का वरदान दिया था। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इस मंदिर की मान्यता क्यों है, यहां क्या-क्या चमत्कार हुए हैं, और लोग खाटू श्याम को क्यों मानते हैं।
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खाटू श्याम के चमत्कार (Khatu Shyam ke Chamatkar)
खाटू श्याम मंदिर से जुड़े कई चमत्कारिक किस्से हैं, जो भक्तों की आस्था को और मजबूत करते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही चमत्कारों के बारे में बताएंगे।
1. गाय के थन से बहने लगा दूध
एक मान्यता के अनुसार, जब कलयुग का आरंभ हुआ, तब राजस्थान के सीकर जिले के खाटू नगर में बर्बरीक का सिर मिला था। कहा जाता है कि एक गाय के थन से अपने आप दूध बहने लगा। जब लोगों ने यह देखा, तो उन्होंने उस जगह को खोदा और वहां बर्बरीक का सिर मिला। इसके बाद लोगों ने इस सिर को पुजारी को समर्पित कर दिया। उसी स्थान पर आज खाटू श्याम मंदिर स्थित है, जो भक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल बन गया है।
2. मंदिर का निर्माण
एक बार राजा रूप सिंह को सपने में खाटू श्याम मंदिर बनाने का आदेश मिला। इसके बाद उन्होंने मंदिर का निर्माण शुरू करवाया। बाद में, 1720 ई. में दीवान अभय सिंह ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया। मंदिर को संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है और इसके द्वार को सोने की पत्तियों से सजाया गया है। मंदिर की भव्यता और दिव्यता भक्तों को अद्वितीय शांति और आनंद का अनुभव कराती है।
3. बाबा का कीर्तन करते-करते चलने लगा भक्त
एक बार की बात है, गायत्री नाम की एक महिला हर साल कोलकाता से खाटू श्याम के दर्शन के लिए आती थी। उसका बेटा मुकेश पोलियो से पीड़ित था और ठीक से चल नहीं पाता था। गायत्री हमेशा बाबा श्याम से प्रार्थना करती थी कि उसका बेटा ठीक हो जाए। एक बार जब खाटू कस्बे में कीर्तन हो रहा था, तो अचानक मुकेश अपने पैरों पर चलने लगा। यह देखकर सभी हैरान रह गए और इसे बाबा श्याम का चमत्कार माना गया।
4. चारों तरफ लगी आग, लेकिन भक्तों को कुछ नहीं हुआ
साल 2009 में खाटू कस्बे में हरियाणा के एक व्यापारी अंब्रेज ने भंडारा लगाया। अचानक भंडारे में आग लग गई और आग तेजी से फैलने लगी। लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि आग केवल 20 फीट के दायरे में ही सिमट कर रह गई और भक्तों में से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। इसे भी बाबा श्याम का चमत्कार माना गया।
5. भक्त के आते ही खुल गया मंदिर का ताला
श्याम बहादुर नाम के एक भक्त हर साल 200 किलोमीटर की यात्रा पैदल चलकर खाटू श्याम के दर्शन के लिए आते थे। साल 1944 में जब वह मंदिर पहुंचे, तो मंदिर के पट बंद थे। उन्होंने दर्शन के लिए काफी विनती की, लेकिन मंदिर नहीं खुला। तब उन्होंने अपने हाथ में ली हुई मोर पंख को ताले पर लगाया और ताला अपने आप खुल गया। यह चमत्कार देखकर सभी भक्त हैरान रह गए।
6. मन्नत पूरी हुई तो भक्त ने चढ़ा दी अपनी आंख
एक बार श्याम बहादुर मंदिर में खड़े थे, तभी एक अंधे भक्त ने बाबा श्याम से अपनी आंखों की रोशनी वापस पाने की मन्नत मांगी। श्याम बहादुर ने भगवान से कहा, “भले ही आप मेरी एक आंख ले लो, लेकिन इस भक्त की आंखों की रोशनी वापस लौटा दो।” कुछ ही देर में श्याम बहादुर ने अपनी एक आंख निकालकर उस भक्त को दे दी। यह देखकर सभी भक्तों की आस्था और मजबूत हो गई।
7. 7 साल से गायब बच्चा अचानक आ गया सामने
आलू सिंह नाम के एक भक्त थे, जो खाटू कस्बे में रहते थे। एक बार 1972 में वह असम गए, जहां एक महिला रोते हुए उनके पास आई। उसने बताया कि उसका 7 साल का बेटा गायब है। आलू सिंह ने उस महिला से कहा कि रात 1 बजे तक उसका बेटा वापस आ जाएगा। रात 1 बजे, कीर्तन में बैठे एक युवक को आलू सिंह ने खड़ा किया और कहा कि यही उस महिला का बेटा है। यह सच था और महिला का बेटा उसे मिल गया।
निष्कर्ष
खाटू श्याम मंदिर भक्तों के लिए एक पवित्र स्थान है, जहां बाबा श्याम के चमत्कारों की कई कहानियां प्रसिद्ध हैं। यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि बाबा श्याम उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं और उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं। यही वजह है कि लाखों भक्त हर साल खाटू श्याम के दर्शन के लिए आते हैं और उनकी आस्था और मजबूत होती है।
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