6G Internet: भारत में 6G की तैयारी शुरू – इंटरनेट स्पीड होगी 5 गुना तेज!

6G Internet: भारत 6G टेक्नोलॉजी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार, भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। यह तभी संभव होगा जब देश डिजिटल रूप से और अधिक मजबूत और उन्नत हो। इसी दिशा में सरकार 6G तकनीक को बढ़ावा दे रही है, जिससे लोगों को तेज इंटरनेट स्पीड मिलेगी।

22 महीनों में 5G रोलआउट – 6G Internet

भारत ने 5G नेटवर्क को केवल 22 महीनों में पूरे देश में लागू कर दिया, जो दुनिया में सबसे तेज़ रोलआउट में से एक है। वर्तमान में 5G नेटवर्क देश के लगभग 99% हिस्से को कवर कर रहा है। सरकार अब 6G पर काम कर रही है, जिससे इंटरनेट स्पीड में जबरदस्त इजाफा होगा।

6G Internet तकनीक के आने के बाद इंटरनेट की स्पीड 100 Mbps तक हो सकती है, जो अभी केवल 20 Mbps के आसपास है। इसका मतलब यह हुआ कि इंटरनेट की स्पीड 5 गुना तक बढ़ जाएगी।

अगर पिछले 10 सालों की बात करें, तो उस समय भारत में इंटरनेट की स्पीड मात्र 1.5 Mbps थी। लेकिन अब 5G आने के बाद यह तेजी से बढ़ रही है और 6G के आने पर यह और अधिक एडवांस हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, भारत 2028 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2030 तक यह आंकड़ा 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।

भारत – दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मार्केट

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन बाजार है। साथ ही, यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा डिजिटल मार्केट भी बन चुका है। यहां डिजिटल हाईवे बहुत तेजी से विकसित हो रहा है, जिससे नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं।

डिजिटल पेमेंट में भारत की तेजी

आज भारत में 46% से अधिक लेनदेन डिजिटल माध्यम से हो रहे हैं। यह आंकड़ा लगभग 170 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। सरकार चाहती है कि भारत सिर्फ एक सर्विस प्रोवाइडर न बने, बल्कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में खुद के प्रोडक्ट भी बनाए। इसी कारण ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी योजनाओं पर जोर दिया जा रहा है।

बीएसएनएल और स्वदेशी 4G तकनीक

बीएसएनएल के माध्यम से भारत अपना खुद का 4G नेटवर्क विकसित कर रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले 18 महीनों में पूरी तरह से स्वदेशी 4G स्टैक तैयार कर लिया जाए। यह काम सरकारी कंपनी C-DoT और निजी कंपनी Tejas Networks के सहयोग से किया जा रहा है। C-DoT कोर नेटवर्क बना रही है, जबकि Tejas Networks रेडियो एक्सेस नेटवर्क पर काम कर रही है।

यदि यह परियोजना सफल होती है, तो भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जो अपना खुद का 4G स्टैक विकसित करेगा। यह देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

भारत का डिजिटल भविष्य

भारत में डिजिटल टेक्नोलॉजी तेजी से विकसित हो रही है। सरकार की ओर से 6G पर काम शुरू हो चुका है, जिससे इंटरनेट की स्पीड कई गुना बढ़ जाएगी और संचार तकनीक और अधिक मजबूत होगी। 5G के सफल रोलआउट के बाद अब भारत का अगला लक्ष्य 6G को पूरी तरह लागू करना है। डिजिटल क्रांति के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था भी लगातार बढ़ रही है, जिससे यह 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

भारत की इस डिजिटल प्रगति से लोगों को हाई-स्पीड इंटरनेट, बेहतर नेटवर्क और नए रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। सरकार की योजनाएं भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ इसे एक टेक्नोलॉजी लीडर के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रही हैं।

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