RBI Action: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चार बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना गुजरात और उड़ीसा स्थित सहकारी बैंकों पर नियमों का उल्लंघन करने के कारण लगाया गया। आइए जानते हैं कि कौन से बैंकों पर यह जुर्माना लगाया गया और इसके कारण क्या थे।
RBI Action | जुर्माना किस-किस बैंक पर लगा?
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से गुजरात और उड़ीसा के सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है। इस लिस्ट में निम्नलिखित बैंकों का नाम शामिल है:
- श्री सावली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा पर ₹2.10 लाख का जुर्माना।
- दा कोसंबा मार्केट ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत पर ₹2 लाख का जुर्माना।
- वडाली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, साबरकांठा पर ₹2 लाख का जुर्माना।
- उड़ीसा स्टेट को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर ₹4 लाख का जुर्माना।
जुर्माना लगाने का कारण
मार्च 2024 में आरबीआई ने इन बैंकों का निरीक्षण किया था, जिसके बाद कई नियमों के उल्लंघन की जानकारी मिली। उड़ीसा बैंक का निरीक्षण नाबार्ड द्वारा किया गया था, जिसमें कई खामियां पाई गईं। इसके बाद आरबीआई ने इन बैंकों को नोटिस जारी किया और उल्लंघनों के कारण जुर्माना लगाया गया।
1. श्री सावली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा
इस बैंक पर ₹2.10 लाख का जुर्माना लगाया गया। कारण यह था कि बैंक ने कुछ महत्वपूर्ण वित्तीय लेन-देन में पत्र दवा की राशि को जमा करता शिक्षा एवं जागरूकता कोष में ट्रांसफर नहीं किया।
इसके अलावा, इस बैंक ने निवेश की अधिकतम सीमा का उल्लंघन किया और KYC (Know Your Customer) रिकॉर्ड को भी सही तरीके से अपलोड नहीं किया। इसके साथ ही उधारकर्ताओं की क्रेडिट जानकारी को भी अपडेट नहीं किया गया।
2. दा कोसंबा मार्केट ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत
इस बैंक पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया गया। इस बैंक ने अंतर बैंक और प्रतिपक्ष जोखिम को सही ढंग से नहीं संभाला और विवेकपूर्ण तरीके से इसका पालन नहीं किया। इसके अलावा, बैंक ने KYC रिकॉर्ड को अपडेट नहीं किया और खातों के जोखिम विवरण की नियमित समीक्षा भी नहीं की।
3. वडाली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, साबरकांठा
इस बैंक पर ₹2 लाख का जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि इस बैंक ने अपने निर्देशक और रिश्तेदारों को बिना सही प्रक्रिया के लोन मंजूर किए। इसके अलावा, बैंक ने प्रतिपक्ष जोखिम सीमाओं का पालन नहीं किया और खातों की जोखिम समीक्षा भी नहीं की।
4. उड़ीसा स्टेट को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड
इस बैंक पर ₹4 लाख का जुर्माना लगाया गया। बैंक ने पत्र दवा की गई राशि को जमा करता शिक्षा एवं जागरूकता कोष में ट्रांसफर नहीं किया। इसके साथ ही बैंक कुछ गैर-बैंकिंग संपत्तियों का समय पर निपटान नहीं कर सका, जिसके कारण यह बड़ा जुर्माना लगाया गया।
निष्कर्ष
आरबीआई का यह कदम बैंकों को अपनी व्यवस्थाओं और नियमों का पालन करने के लिए सतर्क करने के उद्देश्य से लिया गया है। इन बैंकों ने जिन नियमों का उल्लंघन किया है, वह बैंकिंग प्रणाली की पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए जरूरी हैं। आरबीआई की ओर से लगाए गए जुर्माने से यह स्पष्ट है कि बैंकों को नियमों का पालन करना जरूरी है, ताकि ग्राहकों का विश्वास बना रहे और वित्तीय प्रणाली मजबूत हो।
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